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हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का अब मंदिर विधेयक पर आया बयान

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।

मध्य प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा सरकार भी अब हरियाणा विर्निर्दिष्ट मंदिर विधेयक 2023 लाने की तैयारी में है। इस विधेयक को गृह विभाग की ओर से तैयार किया गया था, लेकिन विधेयक के प्रारूप को समझने के बाद गृह मंत्री अनिल विज ने विधेयक की फाइल राजस्व विभाग को भेज दी।

विज का कहना है कि हरियाणा रूल आफ बिजनेस के मुताबिक यह विधेयक राजस्व विभाग के अधीन आना चाहिए। अब विधेयक को राजस्व विभाग की ओर से फाइनल टच दिया जाएगा। विधेयक को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन यदि विधेयक का प्रारूप अगले 2 दिन में तैयार नहीं हुआ तो उसे बजट सत्र में पेश किया जा सकता है।

हरियाणा के विधेयक में क्या है ?

हरियाणा सरकार के द्वारा विधेयक में राज्य भर के मंदिरों के रखरखाव का प्रारूप तैयार किया गया है। जिस गांव में 20 फीसदी से कम हिंदू होंगे, वहां के मंदिरों की जिम्मेदारी सरकार लेगी। इसके लिए जिले में बोर्ड बनाकर डीसी को जिम्मेदारी दी जाएगी। राज्य में नूंह, पानीपत व यमुनानगर में मुस्लिम आबादी और कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद, अंबाला, करनाल, हिसार, जींद, पंचकूला और सिरसा में सिख आबादी वाले गांव हैं, जहां हिंदू कम हैं। यहां सीधे तौर पर सरकार का यह फैसला प्रभावित करेगा।

इसमें कहा गया है कि राज्य के गई गांवों में हिंदुओं की आबादी कम है या फिर वे यहां से पलायन कर चुके हैं। ऐसे में मंदिरों की देखरेख ढंग से नहीं हो रही। खासकर नूंह जैसे जिले में मंदिरों की स्थिति ज्यादा खराब है।

पूजा का इंतजाम करेगी सरकार

हरियाणा सरकार के नए कानून के मुताबिक इन जिलों में मंदिरों के लिए बोर्ड बनेगा, जिसके मुखिया वहां के डीसी होंगे। उसमें कुछ स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा, जिसके बाद सरकार पहले मंदिरों की मरम्मत कराएगी। फिर वहां पूजा का भी इंतजाम करेगी। कहा गया है कि सिखों की धार्मिक जगहों की देखरेख के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनी हुई है। मुस्लिम धर्मस्थलों की देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। ऐसे में हिंदुओं के लिए अलग से संस्था बनाने की कवायद शुरू की गई है।

खत्म हो जाएंगे ट्रस्ट

मंदिर संचालन समिति का गठन और सदस्यों की नियुक्तियों में विवाद की स्थिति को बचाने के लिए इस अधिनियम में पारदर्शिता का ख्याल रखा गया है। डीसी की शक्तियों और वित्तीय अधिकारों को भी बढ़ाया गया है। नया कानून बनते ही मंदिरों में पूर्व से मौजूद ट्रस्ट खत्म हो जाएंगे। अधिनियम में मंदिर के अधीनस्थ भवन, संपत्ति एवं अन्य संरचनाओं का विस्तृत ब्योरा भी हरियाणा-के-गृहमंत्री-अनि-2दिया गया है। नए विधेयक में इस अनौपचारिक व्यवस्था को मान्यता दे दी गई है।

मंदिर कोष, बजट लेखे, चढ़ावा-दान आदि के संदर्भ में नियम तय रहेंगे। समिति हिंदू धर्म मानने वाले डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को प्रशासक नियुक्त कर सकेगी जो कि समिति का सचिव भी होगा।

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ये होगी समिति

विधेयक के मौजूदा प्रारूप के तहत डी.सी. के अलावा सदस्यों में जिले के पुलिस अधीक्षक, नगरीय निकाय का आयुक्त, नगर पालिका अधिकारी, जिले में कार्यरत द्वितीय श्रेणी स्तर के चार अधिकारी सरकार द्वारा नामित दो पुजारी, दो अशासकीय धर्म-पूजा विधान के जानकार दो अशासकीय सदस्य और सरकार द्वारा विशेष आमंत्रित शामिल रहेंगे।

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